खीरी के पुलिस विभाग मे हुआ सत्ताइस लाख का घोटाला





लखीमपुर-खीरी। खीरी पुलिस के आंकिक कार्यालय मे लगभग सत्ताइस लाख रुपये के घोटाले का मामला प्रकाश मे आया है। इस मामले मे पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत करके एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।

 मिली जानकारी के अनुसार खीरी पुलिस के एकाउण्ट सेक्शन मे तैनात अनूप कुमार मिश्रा एएसआई(एम) जो पुलिस विभाग के वेतन आहरण वितरण व एरियर सम्बन्धी सारा कार्य देखते थे, पर प्रभारी आंकिक कार्यालय लंका हसन ने अनूप मिश्रा सहित तीन अन्य सिपाहियों नितिन लाल, सुनील कुमार व अमित कुमार पर बीते छः माह मे सत्ताइस लाख रुपया जो पुलिस कर्मचारियांे की एरियर धनराशि थी के अपने खाते मे पैसा डालने का आरोप लगाया है।

 बीते छः माह मे लगभग तीन सौ पुलिस कर्मी स्थानान्तरित हुए, स्थानान्तरित कर्मचारियों से बगैर लीव सर्टिफिकेट जमा कराये स्थानान्तरण पर मिलने वाले एरियर का पैसा आरोपियों ने अपने खातो मे डालकर पुलिस विभाग को सत्ताइस लाख रुपये का चूना लगा डाला। इस मामले मे पुलिस अधीक्षक ने क्षेत्राधिकारी सदर के नेतृत्व मे सीओ गोला सहित चार अन्य प्रभारी निरीक्षको की टीम जांच हेतु गठित की है।

इस बाबत जानकारी लेने पर पुलिस अधीक्षक एसके सिंह ने बताया कि एरियर का भुगतान ई-पेमेण्ट के द्वारा कोषागार से किया जाता है जो वित्तीय वर्ष 2013-14 से किया जा रहा है। यह सारा भुगतान ट्रेजरी को दे दिया जाता था, जिसे ट्रेजरी वाले ओके कर देते थे। इस मामले मे जनपद के कोषागार विभाग की भूमिका भी संदिग्ध प्रतीत हो रही है। सरकारी एरियर के भुगतान का यह नियम है कि सम्बन्धित विभाग कोषागार को भुगतान सम्बन्धी बिल बनाकर भेजता है, उसका टोकन व उसकी ट्रान्जक्शन फाइल बनाकर विभाग के आहरण वितरण अधिकारी के पास भेजी जाती है उसके बाद उस अधिकारी के हस्ताक्षर होने के बाद ही वह भुगतान सम्बन्धितो के खातो मे ट्रांसफर किया जाता है।

 यहां पर गौरतलब है कि जिले के पुलिस मुखिया एसके सिंह जो पुलिस विभाग के आहरण वितरण अधिकारी भी है कैसे अपनी गैर जिम्मेदाराना भूमिका निभाते रहे और बगैर सबके खाता नम्बर देखे ट्रान्जक्शन फाइल पर अपने हस्ताक्षर करते रहे। सैकड़ों पुलिस कर्मियों का पेमंेट इन्ही तीनो आरोपियों के खातों मे जाता रहा और कप्तान साहब चुपचाप हस्ताक्षर करते रहे। इस मामले मे जानकारी करने पर वरिष्ठ कोषाधिकारी राजेश पाण्डेय ने बताया कि इस सम्बन्ध मे शासनादेश है कि इस तरह का यदि कोई गलत भुगतान होता है तो उसके लिए सम्बन्धित विभाग का आहरण वितरण अधिकारी व्यक्तिगत रुप से जिम्मेदार होता है, इसमे कोषागार का कोई दायित्व नहीं है।

 पुलिस महानिदेशक ने मामले का संज्ञान लेते हुए लखनऊ जोन के सभी जिलो मे इस तरह की जांच शुरु करवायी है। प्रभारी निरीक्षक कोतवाली ने बताया कि मिली तहरीर के आधार पर आरोपियों के विरूद्ध भादवि की धारा 467 से 471 तक, 419, 420, 409, 120 व आईटी एक्ट की धारा 65/66 के तहत अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है, आरोपी नितिन लाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है अन्य आरोपियों की तलाश सरगर्मी से जारी है।


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