गन्ना भुगतान न होने से किसान बने भिखारी





लखीमपुर-खीरी। देश के अन्न दाताओं ने अपने बेहाली के खूबसूरत अंदाज में पूँजीपति शिशिर बजाज व मिल प्रबधंन को भीख मांग कर दी गई रकम से शर्मसार कर दिया, पर इस ज्वालामुखी की धधकती आग तबाही आने के संकेत दे रही है।

 जिसका प्रमाण जनपद की तहसील गोला गोकर्णनाथ में देखने को मिला जहां गुस्साएं किसानों ने प्रदर्शन कर धार्मिक अनुष्ठान के साथ सौंगंध ली कि जब तक गन्ना किसानों का बकाया भुगतान अन्य चीनी मिलों की तरह नही होगा किसान धरने सें नही उठेगें। किसान अपने गन्ने का भुगतान न मिलने से आत्म हत्या करने को विवश है। जहां एक ओर किसानों के परिवारों में धार्मिक अनुष्ठान व संस्कार नहीं हो पा रहे है वहीं दूसरी ओर गन्ना किसानो के बच्चों को शिक्षा भी इसलिए नहीं मिल पा रही है क्योंकि उनके पास पैसा नहीं हैं।

होली पर भी मिल प्रबंधन के द्वारा बकाया गन्ना भुगतान न दिए जाने के चलते आक्रोशित किसान आमरण अनशन पर बैठने को विवश हो गए और गांधीवादी रास्ता अख्तियार करते हुए गोला की सड़कों पर उतर कर भीख माँगी। किसानो द्वारा भीख मांगकर एकत्र किये गये 616 रुपयो को किसानो ने गन्ना मिल महाप्रबन्धक को सौंपा। किसान नेता श्रीकृष्ण वर्मा ने मिल प्रबधंन को रकम सौंपते हुए कहा कि किसानों की गुजारिश है कि उक्त रकम को बजाज ग्रुप के मालिक शिशिर बजाज तक पहुँचा दे ताकि तंगी की हालत में वे किसानों के द्वारा भीख मांग कर लाई गई रकम से होली का पावन पर्व मना लें।

यह घटना बजाज ग्रुप के लिए एक शर्म का सबब बन गई है। इसके बाद किसानों ने धरना प्रदर्शन स्थल पर धार्मिक अनुष्ठान कर सौगंध ली कि जब तक मिल किसानों का बकाया गन्ना भुगतान नही कर देती तब तक किसान धरने पर बैठे रहेंगे तथा धरना समाप्त नही करेगें।

इस मौके पर रोशनलाल वर्मा, बालकराम चैधरी, दुजईलाल, कृष्ण कुमार यादव, दुजईलाल गौतम, देवलाल, भूपराम वर्मा, रामनिवास शुक्ल, रामशंकर मिश्र सहित तमाम किसान मौजूद रहे। किसानो द्वारा शिशिर बजाज के लिए मांगी गई भीख आज लोगो के बीच चर्चा का विषय बनी रही। 

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