बालिकाओं की शिक्षा की स्थिति विषयक कार्यशाला आयोजित





लखीमपुर-खीरी। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली के सहयोग से ग्राम्य विकास संस्थान लखनऊ द्वारा अल्पंसख्यक महिलाओं और बालिकाओं की शिक्षा की स्थिति विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जनपद के कस्बा जंगबहादुरगंज में किया गया।

जिसमें 50 अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं एवं बालिकओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्टेªट बालकल्याण समिति लखीमपुर बबिता अग्रवाल द्वारा किया गया। कार्यक्रम के उद्देश्य को परिभाषित करते हुये आयोजक संस्था ग्राम्य विकास संस्थान के सचिव बीएस विष्ट ने बताया कि अल्पसंख्यक कार्यमंत्रालय की योजनाओं का प्रचार प्रसार तथा अल्पसंख्यक समुदाय के लिये भारत सरकार द्वारा चलायी जा रही शैक्षिक योजनाओें की जानकारी देना है।

कार्यशाला में शिक्षा की स्थिति एवं अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिये प्रधानमंत्री का नया 15 सूत्री कार्यक्रम की जानकारी दी गयी। कार्यशाला में मुख्य अतिथि प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्टेªट बालकल्याण समिति लखीमपुर बबिता अग्रवाल ने विद्यालयी शिक्षा की उपलब्धता को सुधारना, सर्वशिक्षा अभियान तथा कस्तूरबा गांधी विद्यालय योजना की विस्तृत जानकारी दी। इस कार्यक्रम में सोशल एक्टीविस्ट डा. दिनेश कुमार शर्मा द्वारा प्रतिभागियों को उर्दू शिक्षण के लिये अधिक संसाधन तथा मदरसा शिक्षा का आधुनिकीकरण तथा अल्पसंख्यक मेधावी छात्र व छात्राओं के लिये दी जाने वाली छात्रवृत्ति पर प्रकाश डाला साथ ही स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी भी दी।

हाईकोर्ट लखनऊ के डा प्रवीणसिंह एडवोकेट ने सभी को विधिक जानकारी उपलब्ध करायी तथा महिलाओं को महिलाओं के प्रति अपराध और उनकी सूचना तथा अपराध का अर्थ, अन्य महत्वपूर्ण अधिकारों, महिलाओंकी घरेलू हिंसा से सुरक्षा अधिनियम 2005 तथा चाइल्ड हेल्पलाइन और महिला हेल्पलाइन की विस्तृत जानकारी दी। शिक्षिका तनवीर जैदी ने मुस्लिम महिलाओं को सम्बोधित करते हुये कहा कि सरकार हमारी कौम को आगे बढ़ाने के लिये इतनी सुविधायें दे रही है, इन सुविधाओं का लाभ उठायें और बालिकाओं को जरूर शिक्षित करें क्योंकि बालिकाओं के शिक्षित होने से दो परिवारों को लाभ मिलता है और आने वाली पीढ़ी का भी भविष्य उज्जवल होता है।

 शाहजहांपुर की सामाजिक संस्था की सचिव संध्या सक्सेना ने महिलाओं को आत्मनिर्भर होने के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि शिक्षित होकर तो अच्छे काम किये ही जा सकते हैं, कम पढ़ी लिखी महिलायें भी अतिरिक्त समय में छोटे मोटे काम करके धनार्जन करके परिवार की स्थिति सुधार सकती हैं। अन्त में प्रतिभागी महिलाओं को मार्गव्यय आदि का भुगतान किया गया तथा संस्था के सचिव बीएस विष्ट ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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