वैशाली की अगुवाई मे किसानो ने सड़क पर शव रखकर लगाया जाम





लखीमपुर-खीरी। जनपद के थाना भीरा क्षेत्र के अंतर्गत बस्तौली गांव के कर्ज में डूबे किसान सत्यपाल सिंह द्वारा विगत दिवस आत्महत्या के बाद आज बस्तौली गांव के लोगों का गुस्सा कांग्रेस नेत्री वैशाली अली को अपने बीच पाकर उबाल पर आ गया और गांव वासियों व किसानों ने मृतक सत्यपाल की पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को मिली लाश को गुलरिया चीनी मिल के सामने दाह संस्कार करने का फैसला किया और वैशाली अली की अगुवाई में हजारों किसान ट्रैक्टर-ट्राली पर सत्यपाल की लाश लेकर वैशाली अली के साथ 03 किमी पैदल चलते हुए गुलरिया चीनी मिल के सामने पहुंचे और लाश को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया।

 हजारों गुस्साये किसानों ने गुंलरिया चीनी मिल के सामने सत्यपाल चिता बनानी शुरू की यह देखकर मिल प्रबन्धन पूरी तरह बौखला गया और भीड़ का तितर-बितर करने के लिए मिल गेट के पीछे से गोलियां चलानी शुरू कर दी और पानी की बौछार छोड़कर चिता के लिए लगाई गई लकड़िया भिगोना शुरू कर दिया जिससे कि मिल गेट के सामने किसान चिता को आग न लगा सके। मिल के सुरक्षा कर्मियों द्वारा करीब बीस राउण्ड गोलियां चलाई गई गोलियांे की तड़तड़ाहट से अफरा-तफरी फैल गई फिर कुछ ही देर में मिल कर्मियों ने मिल के भीतर से भीड़ पर पथराव करना शुरू कर दिया।

मिल के भीतर से पथराव, फायरिंग और पानी की बौछार होता देख किसान भी उत्तेजित हो गये और किसानों ने प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन और प्रबन्धन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिये। उधर इस अफरा-तफरी में सत्यपाल की पत्नी व बच्चे तक उसकी लाश को छोड़कर अपने बचाव में इधर-उधर हो गये लेकिन कांग्रेस नेत्री वैशाली अली गोलियों की तड़तड़ाहट, पथराव और पानी बौछार के बावजूद लाश को छोड़कर नही हटी और सत्यपाल की भाभी के साथ पथराव में चोट खाने के बाद भी सत्यपाल की लाश के पास खड़ी रही। वैशाली अली ने भीड़ के सामने यह घोषणा की कि जब तक मृतक के परिजनों को मुआवजा और ग्रामीणों की सभी मांगे पूरी नहीं की जाती तब तक न सत्यपाल की लाश वहां से हटाई जायेगी और न ही सड़क जाम समाप्त किया जायेगा।

आज किसानों और ग्रामीणों का गुस्से का उबाल देखकर प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी भी सकते में आ गये और मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों ने लाठिया पटक कर भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की। लेकिन वैशाली अली को पथराव में चोट खाने के बाद भी सत्यपाल की लाश के पास खड़े देखकर गांव वाले भी मौके पर जमें रहे और मिल प्रबन्धन द्वारा भीतर से करवाये जा रहे हमलों का सामना करते रहे। लगभग चार घण्टें तक सत्यपाल की लाश को मिल गेट के सामने रखकर वैशाली अली के नेतृत्व में चलाये गये अभियान के बाद अधिकारियांे व पुलिस प्रशासन के लोगों द्वारा मौके पर पहुंचकर मृतक के परिजनों को मुआवजा देन, मिल प्रबन्धन के खिलाफ गोलियां चलाने व किसानों पर हमला करने का मुकदमा दर्ज करने का आश्वासन मिलने के बाद सत्यपाल के परिजनों ने लाश वहां से वापस ले जाने की सहमति दी। वैशाली अली ने किसानों के संघर्ष में हर हाल में उनका पूरा साथ निभाने का वायदा किया।

कार्यक्रम के बाद वैशाली अली ने कहा कि उनका मिल तत्काल शुरू करने प्रदेश सरकार द्वारा चुनाव में किये गये वायदे के अनुसार गन्ने का मूल्य 400/-रू प्रति कुन्टल करने और पिछला बकाया भुगतान तत्काल करने की मांगों को लेकर चलाया जा रहा गन्ना दहन अभियान लगातार जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश सरकार ने तुरन्त किसानों का पिछला भुगतान करवाकर 400/-रू के मूल्य पर मिलों से तत्काल गन्ना खरीद नही शुरू करवाई तो यह सत्यपाल जैसे गन्ना किसानों की आत्महत्या और गन्ना दहन कार्यक्रम प्रदेश सरकार के लिए लंका दहन साबित होगा। वैशाली अली ने किसानों को धोखा देने के लिए प्रदेश की सपा सरकार और भाजपा नेताओं में सांठगांठ का आरोप भी लगाया है।  

Post a Comment

Previous Post Next Post