राजकीय पालिटेक्निक में मानको के विपरीत हो रहे निर्माण


मोहम्मदी-खीरी।ईमानदारी  का ढ़िढ़ोरा पीटने वाली प्रदेश सरकार में सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानो में मानको को ताक पर रखकर महिला छात्रावास जैसे बहुखण्डी भवन के निर्माण कार्यदायी संस्था के ठेकेदारो के द्वारा मानको की धज्जिया उड़ाई जा रही है। नीव से लेकर छतो के लिन्टर तक में चार सूत की जगह ढ़ाई सूत की सरिया का प्रयोग किया गया। नीव से लेकर छतो तक पड़े बिमो एवं कालरो में भी मानको के विपरीत सरिया का प्रयोग तो किया ही गया वही मसाला भी मानको के अनुरूप प्रयोग नहीं किया गया। नगर के ग्राम दिलावरपुर में बने सरकारी पालिटेक्निक में बन रहे महिला छात्रावास का निर्माण में हो रहे घटिया निर्माण पर सारे जिम्मेदार आंखे मूंदे है। इस घटिया निर्माण की आयु कितनी होगी सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। हमारे संवाददाता ने जब मौके पर पड़ी ढ़ाई सूत की सरिया जिसका लिन्टर में प्रयोग किया गया तो वहां मौजूद ठेकेदार के गुर्गो ने अपनी पश्चिमी बोली में दबंगई के साथ कहा कि सरकारी कामो में इतनी मोटी सरिया का ही इस्तेमाल होता है। निजी भवनो में चार सूत की सरिया पड़ती है, बड़े-बड़े पुलो के निर्माण में भी ढाई सूत की ही सरिया पड़ती है। इन गुर्गो से काफी प्रयास किया गया कि वो अपने नाम बता दे लेकिन मौके पर मौजूद तीन लोगो में से एक ने भी न अपना नाम बताया और न ठेकेदार का। अगर कुछ देर और रूक कर पूछ-ताछ कर लेते तो ये गुर्गे व इनके लेवर पत्रकारो पर हमला भी कर सकते थे। नगर की उत्तरी सीमा पर स्थित ग्राम दिलावरपुर जहां दून पब्लिक स्कूल, सरकारी आईटीआई एवं निर्माणा के अन्तिम चरण में पहुंच रहे पिछले छः-सात वर्षो से निर्माणाधीन राजकीय पालिटेक्निक कालेज में बने विभिन्न भवन एवं आरसीसी सड़के अपने को लूटे जाने की कहानी बया करने लगी है। निर्माण कार्य पूरा न होने के कारण जो कालेज दो वर्ष पूर्व ही शुरू हो जाना चाहिये थो वो आज तक पूरा नहीं हो सका। मार्च 2018 से शुरू महिला छात्रावास का निर्माण कार्य दिसम्बर 2019 में पूरा कर भवन कालेज प्रशासन को सौप देना चाहिये था जो अभी मात्र 75 प्रतिशत ही पूरा हुआ। चार से छः माह अभी समय और लगने की उम्मीद है। प्राविधिक शिक्षा विभाग के द्वारा 60 महिला छात्राओ के लिये निर्माणाधीन इस छात्रावास पर 170.74 लाख रूपयो की लागत से बन रहे कालेज प्रांगण में इस छात्रावास का निर्माण भी सरकारी कार्यदायी संस्था ‘‘यूपी स्टेट कास्ट्रेक्शन एण्ड इन्फस्ट्रक्चर डेवलमेन्ट कारपोरेशन लि0’’ यूनिट लखीमपुर-खीरी के द्वारा कराया जा रहा है। 60 छात्राओ वाले इस छात्रावास के निर्माण की नीव ही भ्रष्टाचार एवं लूट-खसो के मसाले से डाली गयी है। नीव मानको को अनदेखा कर रखी गयी। सूत्रो की माने तो नीव के बेस एवं कालरो में मानको के अनुरूप सीमेन्ट, सरिया एवं मौरंग का प्रयोग होना चाहिये था वो नहीं किया गया। निर्माण में जमकर मानको की धज्जिया उड़ाई गयी और जिम्मेदार आंखे मूंदे रहे , क्यों ? सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। यही नहीं पूरे निर्माण में एवं पहली व दूसरी मन्जिल की छतो में भी भ्रष्टाचार एवं घटिया तथा मानको के विपरीत निर्माण के दीमक का असर साफ दिखा। दूसरी मन्जिल की छत पर पड़ रहे लिन्टर में ढाई सूत की सरिया का प्रयोग किया गया। जबकि चार सूत की सरिया का प्रयोग होना चाहिये था। मौके पर काम कर रहे लेवरो मे से एक ने गोपनियता बनाये रखने की शर्त पर गुप-चुप तरीके से बताया कि नीव सेलेकर दो मन्जिले के लिन्टर तक ढाई सूत सरिया का ही प्रयोग किया गया है। इस संदर्भ में निर्माण स्थल पर कार्य कर रहे ठेकेदार के मेट से सीमेन्ट की कम मात्रा एवं चार सूत की जगह ढाई सूत की सरिया के प्रयोग पर जानकारी चाही तो पश्चिम के रहने वाले इस गुर्गे ने अपनी पूरी दबंगई का परिचय देते हुए कहा कि यहां सब कुछ ठीक-ठाक हो रहा है, सही मात्रा में सीमेन्ट का प्रयोग किया गया है, सरकारी कामो में ढाई सूत की सरिया का ही प्रयोग होता है। ये निजी बिल्डिंग नहीं है जिसमें चार सूत की सरिया पड़े, ज्यादा पूछना हो तो जेई व बड़े साहब से जाकर पूछो आप लोग अन्दर आये कैसे ? कह कर वो धमकाने लगा तथा लेवरो को आवाज दी। इन गुर्गो ने जो इस संवाददाता सहित अन्य पत्रकारो पर हमलावर होने की स्थिति मे दिखे ने बार-बार पूछने पर किसी ने भी अपना नाम तक नहीं बताया। स्थिति की नजाकत भाप कर पत्रकार वापस चले आये। इन गुर्गो ने पत्रकारो को फोटो-वीडियो डिलेट करने को भी कहा। जो ये साबित करता है कि यहां के निर्माण में भारी गोलमाल कर घटिया निर्माण किया गया है। मौके पर इन मेटो एवं लेवरो के अलावा कोई जिम्मेदार मौजूद नहीं था।
गत वर्षो में बना भवन एवं सीसी रोड अपने को लूटे जाने की कहानी बया कर रहे है। सीसी रोड कही धसी हुई तो कही गड्ढो में बदली नज़र आ रही जो जाहिर करती है कि उसका निर्माण किस मानको के आधार पर हुआ होगा सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

मोहम्मदी से मो0 इलियास की रिपोर्ट

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