
जिले की तहसील धौरहरा में सिंचाई विभाग की लापरवाही के कारण हजारों किसानों के माथे पर एक बार फिर चिंता की लकीर खिंच गई है।पहले से ही गन्ना भुगतान में टूट चुका यहाँ का किसान अब नदी के कटान जैसी बिकराल समस्या में जूझने को मजबूर है। बीते दो दिनों से हो रही जोरदार बारिश के कारण घाघरा का जलस्तर रातोंरात तेजी से बढ़ गया। जिसके कारण तहसील क्षेत्र के पोखरा, लौकही, लाला पुरवा व मल्लापुर के बीच बहने वाली घाघरा नदी ने खड़ी फसलों को निशाना बना लिया है।
ग्रामीणों की माने तो लगातार बढ़ रही नदी अब धीरे धीरे गांवो की तरफ रुख कर रही है।बीती रात नदी ने पोखरा से कटौली को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग काट दिया है। जिससे पोखरा के ग्रामीणों में हाहाकार मच गया है। गौरतलब हो कि पिछले साल घाघरा नदी की विनाशकारी लहरों ने कई एकड़ फसलें समेत दो गांवो का अस्तित्व राजस्व नक्से से मिटा ही दिया था।
जिसको लेकर सिचाई विभाग समेत बाढ़ नियंत्रण बोर्ड ने करोड़ो की रकम पानी मे बहा दी थी।लेकिन इस बार की विभीषिका किसानों को ना झेलनी पड़े जिसको लेकर करीब छह माह पूर्व से ही नदी की बिनाश लीला रोकने के लिए तमाम इंतजाम किए गए थे जबकि किसानों की समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है।
बेलगाम अधिकारी अपना उल्लू सीधा करके चलते बने। ग्रामीणों की माने तो बाढ़ से बचाने के लिए ठोकरों का निर्माण तो किया गया लेकिन कराए गए कार्यो में कितनी गुणवत्ता है पहली बार ही घाघरा नदी के उफनाने से साफ हो गया है। फिलहाल तहसील धौरहरा में बाढ़ से भीषण तबाही शुरू हो गई है। किसानों में चारो तरफ हाहाकार मचा हुआ है लेकिन तहसील प्रसासन अभी भी अपनी आँख मूदे हुए है।
इस सम्बन्ध मे बात करने पर धौरहरा तहसीलदार यशवन्त राव ने बताया कि मुझे नदी के कटान या बाढ़ की कोई जानकारी नही मिली है, पता करवाता हूँ।
ईसानगर से एकलव्य पाठक की रिपोर्ट
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