एक बार फिर दागदार हुआ खीरी प्रशासन का दामन




लखीमपुर-खीरी। जनपद खीरी मे इंडो नेपाल बार्डर स्थित निघासन तहसील में पुलिस का दामन हमेशा दागदार होता चला आ रहा है। सोनम हत्या कांड हो या रंजीत मौर्या हत्या कांड या चाहे चोरी की बाइक को दरोगा के चलाने का मामला हो या सिंगाही एसओ द्वारा बालाओं के साथ नृत्य करने का मामला।

सभी में पुलिस के कुछ लोगों की वजह से वर्दी का दामन दागदार हुआ है। अब पुलिस के बाद तहसील के आलाधिकारी एसडीएम द्वारा किराए पर चोरो की बोलरो गाड़ी चलाने का मामला किसी के गले नहीं उतर रहा है। आलम यह है कि जब यहां के अधिकारी ही इस तरह से चोरी के मामले को बढ़ा रहे है तो आम आदमी का क्या हाल होगा यह बात लोगों के गले नहीं उतर रही है।

सीओ सर्किल के थाना सिंगाही में नर्तकियों के साथ तत्कालीन एसओ आशुतोष तथा सिपाही द्वारा सरकारी एसलार के साथ डंास करने के बाद एसपी ने सिपाही को निलंबित करने के बाद एसओ को लाइन हाजिर कर दिया गया। उसके बाद निघासन थाने में हल्का नंबर चार में तैनात दरोगा पुनीत द्वारा चोरी की बाइक को चोरों से बरामद करने के बाद उसे थाने में दाखिल करने के बावजूद उसे अपने यूज में लेने लगे।

 मामला अखबार की सुर्खियों में आने पर एसपी ने दरोगा को लाइन हाजिर कर दिया है। हलांकि चोरी की बाइक दरोगा से बरामद होने के बाद भी पुलिस के आलाधिकारी उस पर रिपोर्ट दर्ज करने के बजाए बाइक को लावारिस में दर्ज कर दिया था। यह मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि एसडीएम ने चोरी की एक बोलरो को किराए पर लेकर उस पर एसडीएम लिखवाकर उसे कई महीनों तक यूज किया।

 देखने वाली बात यह रही कि जब तक एसडीएम के पास बोलरो रही तब तक पुलिस ने उसे टच नहीं किया और जैसे ही वह गाड़ी एसडीएम के पास से हटी पुलिस ने उस गाड़ी को चोरी की बताकर उसको अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस के पास गाड़ी आते ही एसडीएम लिखा लोगो भी पुलिस ने मिटा दिया। इस मामले में दोषी एसडीएम के खिलाफ क्या कार्रवाही होगी यह बात क्षेत्र मे चर्चा का विषय बनी हुयी है। 

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