बाढ़ पीड़ितों ने प्रदर्शन कर जताई नाराजगी





लखीमपुर-खीरी। जिले की तहसील पलियाकलां क्षेत्र मे तराई की जमीन को हर साल नदियों के रौद्र रूप का सामना करना पड़ता है।

 ग्रामीण क्षेत्र सालों से बाढ़ की तबाही झेलने को मजबूर हैं। उनके लिए शासन द्वारा मदद भी भेजी जाती है, लेकिन हर साल तमाम पीड़ित इस सहायता से वंचित रह जाते हैं। इस बार भी जब साल 2013 की बाढ़ में तबाह हुई तो फसलों का मुआवजा तहसील तक पहुंचा तब किसानों को आस बंधी थी कि बाढ़ से फसलों के तबाह होने व गन्ने का भुगतान न मिलने की सूरत में उन्हें कुछ राहत तो शासन दे ही देगा लेकिन ऐसा हो न सका।

 दर्जनों ग्रामों के बाढ़ पीड़ित अभी भी सहायता की बांट जोह रहे हैं। तहसील पहुंचे ग्राम मझगईं के ग्रामीणों ने प्रदर्शन करते हुए प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि वास्तव में हमारी फसलें तबाह हुईं, सर्वे में उनके नाम भी लिखे गए थे लेकिन जब चेक देने की बारी आई तो ऐसे लोगों को दे दिया गया जिनका कोई नुकसान ही नहीं हुआ था।

भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए किसानों ने तहसील में काफी देर तक हंगामा काटा। लेकिन उपजिलाधिकारी या कोई और अधिकारी उनकी फरियाद सुनने तक को नहीं पहुंचा। जिसके बाद सभी बैरंग होकर वापस लौट गए। प्रदर्शन करने वालों में शारदा प्रसाद, गोवर्धन, हीरालाल, घनश्याम, मुन्नालाल, विनोद कुमार, भगौता, राहुल, निहाल, राममूर्ति, देशराज सहित दर्जनों किसान शामिल रहे।

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