लखीमपुर-खीरी। प्रदेश के खाद्य आयुक्त अजय कुमार सिंह
चैहान ने अपने विभागीय लाव लश्कर के साथ गोला कृषि उत्पादन मण्ड़ी समिति में स्थित
सरकारी धान खरीद केन्द्रों पर जाकर निरीक्षण किया।
धान खरीद न होने की जानकारी पर पीसीएफ क्रय केन्द्र
इंचार्ज मसनद अहमद व आरएफसी धान क्रय केन्द्र इंचार्ज गीता देवी कुलश्रेष्ठ ने
जवाब में धान का शासन द्वारा निर्धारित डैमेज से अधिक आना बताया। जिसे पहले से खड़े
किसान सरदून सिंह बिझौली फार्म की धान ट्राली से कुछ धान लेकर मापक यंत्र में
ड़ालकर मानक निकाला जो शासन के मानक से कई गुना अधिक का था। इससे वह क्रय केन्द्रों
की अन्य अनियमितता देखकर खामोश रहे।
किसान का धान सरकारी क्रय केन्द्रों पर मानक का बहाना
बनाकर नही खरीदा जाता है जबकि फट्ठा व्यापारी का धान जिसमें क्रय केन्द्र प्रभारी को
निजी लाभ नजर आता है उसे खरीदकर अपनी जेबें गरम कर रहें है। गोला में दर्जनों राइस
मिल है कमोवेश सभी राइस मिलों पर बड़े पैमाने पर धान की खरीद की जाती है वहां
किसानों को मजबूर होकर अपना धान बेचना पड़ता है।
इस हकीकत को प्रदेश आयुक्त ने जानने के बावजूद किसी भी
धान मिल में जाकर निरीक्षण करने की जहमत उठाना उचित नही समझा। किसानों के धान खरीद
हेतु खुले क्रय केन्द्र पर तमाम प्रकार की अनियमितताएं पाए जाने के बावजूद किसी भी
क्रय केन्द्र प्रभारी के खिलाफ कार्यवाही न होना व गैर सरकारी धान खरीद करने वाले
व्यापारियों की ओर जाने की जहमत न उठाने से खाद्य आयुक्त का दौरा सवालों के घेरे
में है।
निरीक्षण मे नदारद रहे मण्डी समिति सचिव
गोला कृषि उत्पादन मण्डी समिति के सचिव इस निरीक्षण के
दौरान नदारद रहे, उनके बारे में अधिकांश गायब रहने की बात भी सामने आई। खाद्य
आयुक्त ने लखीमपुर के मण्ड़ी समिति सचिव से गोला मण्ड़ी समिति में व्याप्त गंदगी व
झाड़ी-झंखाड़ों को साफ कराने का निर्देश दिया। यहां पर भी सचिव के खिलाफ कोई
कार्यवाही वाली बात सामने नही आई है।
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